हिमाचल के मुकाबले हर घर पानी पहुंचाने में काफी पीछे है उत्तराखंड, 61 प्रतिशत पर ही रुका आंकड़ा, जानिए क्या है वजह
देहरादून। केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड को 2023 तक सभी 100 प्रतिशत घरों तक पेयजल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ भी रहा था, लेकिन पहले विधानसभा चुनाव और फिर पाइपलाइन का सामान महंगा होने की वजह से काम अटक गया है। उत्तराखंड में हर घर जल पहुंचाने की जल जीवन मिशन योजना में उत्तराखंड पडोसी राज्य हिमाचल के मुकाबले काफी पीछे है। हिमाचल में 90 फीसदी से ऊपर घरों में पेयजल कनेक्शन लग चुका है तो वहीं उत्तराखंड में यह आंकड़ा 61 प्रतिशत पर ही रुका हुआ है। इधर, सामान महंगा होने की वजह से टेंडर और पूरी प्रक्रिया अटकी हुई है।
पुराने टेंडरों में मिल सकती है राहत
पिछले कई महीनों से उत्तराखंड का स्कोर 61.75 प्रतिशत पर अटका हुआ है। लागत बढ़ने की वजह से बड़े टेंडर दोबारा जारी किए जा रहे हैं। कई जगहों पर ठेकेदारों के विरोध के बीच पेयजल विभाग ने कुछ मदों में धनराशि बढ़ाकर राहत दी है। हालांकि अभी भी टेंडर लटके हुए हैं। 67 में से 20 टेंडर ही जारी हो पाए हैं। आपको बता दें पेयजल विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत जो टेंडर पूर्व में जारी किए थे और आज महंगाई की वजह से उन पर काम कर रहे ठेकेदारों को परेशानी हो रही है, उन्हें जल्द ही राहत मिल सकती है। पेजयल निगम ने इनका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। शासन से निर्देश आने के बाद परियोजनाओं की लागत मूल्य बढ़ाया जा सकता है।
9 लाख घरों तक पहुंचा पेयजल
जल जीवन मिशन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में 15 लाख 18 हजार 115 घरों के सापेक्ष अभी तक नौ लाख 37 हजार 475 घरों तक पेयजल पहुंच पाया है। यह आंकड़ा 61.75 प्रतिशत है।
पेयजल निगम के एमडी उदयराज ने बताया राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में काम तेजी से चल रहा है। दिसंबर तक हमारा स्कोर भी 80 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर जाएगा। अगले साल तक पूरा 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए जल्द ही बचे हुए टेंडर जारी होंगे। जो ठेकेदार लागत मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, उनका प्रस्ताव शासन को भेजने के साथ ही हमने चीफ इंजीनियर को उनसे वार्ता के निर्देश दिए हैं।