ब्लॉग

कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला चिंतन शिविर में

पिछले 20-25 साल में कांग्रेस के कई अधिवेशन और चिंतन शिविर हुए लेकिन उनमें क्या फैसला हुआ और क्या लागू हुआ यह कांग्रेस नेताओं को भी अंदाजा नहीं होगा। अब भी ले-देकर पचमढ़ी और शिमला अधिवेशन की चर्चा होती है। इसलिए यह उम्मीद करना बेमानी है कि मई में उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में कांग्रेस कोई ऐतिहासिक फैसला करेगी और वहां से जीत की ओर प्रस्थान करेगी।

वह भी रूटीन का एक सम्मेलन होगा, जैसा 2013 में जयपुर में हुआ था। लेकिन इस बार खास बात यह होगी कि इसमें कांग्रेस के नए अध्यक्ष का फैसला होगा। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव अगस्त-सितंबर में होने वाला है। उससे ठीक पहले मई के मध्य में हो रहे चिंतन शिविर में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर विचार होगा। कोई वैचारिक लाइन तय करने या वैकल्पिक एजेंडा बनाने की बजाय कांग्रेस के नेताओं की ज्यादा दिलचस्पी नए अध्यक्ष का नाम तय कराने में है। बताया जा रहा है कि चिंतन शिविर की मेजबानी कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस लाइन पर काम कर रहे हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के चार सौ महत्वपूर्ण नेताओं की मौजूदगी में वे राहुल गांधी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रख सकते हैं। ध्यान रहे वे पहले भी कांग्रेस कार्य समिति की बैठकों में यह बात कहते रहे हैं।

कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक चिंतन शिविर में राहुल गांधी के नाम पर सहमति बनाने का प्रयास होगा। अलग अलग राज्य कमेटियां भी उनके नाम का प्रस्ताव कर सकती हैं। यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर से दिए सुझावों पर भी इसमें चर्चा होगी। लेकिन वह चर्चा दिखावे की होगी क्योंकि कांग्रेस में यह तय कराने की कवायद चल रही है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाए, जबकि प्रशांत किशोर ने अपने तीन फॉर्मूलों में से किसी में भी राहुल को अध्यक्ष बनाने का सुझाव नहीं दिया था।

प्रशांत किशोर के सुझावों में पहला यह था कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहें, राहुल गांधी को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाए, प्रियंका गांधी वाड्रा संगठन महासचिव बनें और कांग्रेस छोड़ कर गए किसी सहयोगी नेता को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाए। दूसरा सुझाव था कि नेहरू-गांधी परिवार से बाहर का कोई अध्यक्ष बने, सोनिया यूपीए अध्यक्ष बनें, राहुल संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और प्रियंका संगठन महासचिव बनें। तीसरा प्रस्ताव प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष बनाने का था। जाहिर वे राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं थे। लेकिन उनके सुझावों के उलट कांग्रेस हर हाल में राहुल को अध्यक्ष बनाने पर अड़ी है। इस पर चिंतन शिविर में मुहर लग सकती है।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *