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जर्मनी के साथ कृषि पारिस्थितिकी व प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन के संबंध में संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली। भारत एवं जर्मनी के बीच कृषि पारिस्थितिकी एवं प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन को लेकर पहल हुई है। इस संबंध में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं जर्मनी की आर्थिक सहयोग व विकास मंत्री सुस्वेंजा शुल्ज़ ने आज वर्चुअल बैठक में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।
इसके माध्यम से दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों और किसानों सहित अभ्यासकर्ताओं के बीच संयुक्त अनुसंधान, ज्ञान के आदान-प्रदान व नवाचार और निजी क्षेत्र के साथ आदान-प्रदान एवं साझेदारी तथा अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करके प्रौद्योगिकी व वैज्ञानिक ज्ञान के अंतरण को बढ़ावा दिया जाएगा। जर्मनी का संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय इस पहल के तहत परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहयोग के लिए वर्ष 2025 तक 300 मिलियन यूरो तक प्रदान करने का इरादा रखता है।

तकनीकी सहयोग परियोजना द्वारा भारत में कृषि पारिस्थितिकी परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करते हुए जर्मनी इस लाईटहाउस पहल के लिए समन्वित सहायता प्रदान करेगा। कृषि पारिस्थितिकी के परिवर्तनशील एजेंडा के लिए दोनों देशों ने मूल्यवर्धित प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक हस्तांतरण की सुविधा को बढ़ाने के साथ भारत, जर्मनी व अन्य देशों के अभ्यासकर्ताओं के साथ अत्याधुनिक ज्ञान विकसित तथा साझा करने के लिए वित्तीय सहयोग द्वारा समर्थित संयुक्त अनुसंधान केंद्र की स्थापना की परिकल्पना की गई है।
कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करने के लिए संबंधित मंत्रालयों, अर्थात् पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा मात्सियकी, पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय और नीति आयोग के साथ एक कार्यकारी समूह गठित किया जाएगा।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

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