उत्तराखंड

मानवता हुई शर्मसार, 11 घंटे तक दुधमुंहे बच्चे संग खड़े-खड़े सफर करती रही महिला

ऋषिकेश। रोडवेज ऋषिकेश डिपो किसी न किसी मामले सुर्खियों में रहता है। ऋषिकेश से रुपैडिया जाने वाली बस में दुधमुंहे बच्चे संग सवार हुई महिला की सीट पर सामान रखवा दिया गया। मजबूरन महिला को बच्चे के साथ 11 घंटे का सफर खड़े-खड़े करना पड़ा। कार्रवाई की बात हुई तो परिचालक रोडवेज कर्मचारियों का नेता निकला। कार्रवाई करने में रोडवेज प्रशासन को 10 दिन लग गए।

14 मार्च को दोपहर 1:30 बजे ऋषिकेश डिपो की बस संख्या रुपैडिया के लिए रवाना हुई थी। जानकारी के अनुसार 52 सीटर बस में करीब 70 से अधिक सवारी बैठा रखे थे। नजीबाबाद में बस के परिचालक ने एक महिला को सीट से खड़ा करवा दिया। उसकी सीट पर सामान रखवा दिया गया। महिला की गोद में बच्चा भी था। नजीबाबाद से रुपैडिया तक का 11 घंटे का सफर महिला ने दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर खड़े- खड़े किया। इस दौरान बस में सवार एक नेपाली युवक ने महिला की वीडियो बनाकर एजीएम रोडवेज ऋषिकेश, आरएम संचालन देहरादून को भेज दिया।

50 सीटर बस में बैठाए 70 लोग
रोडवेज मुख्यालय से एजीएम ऋषिकेश को कार्रवाई के आदेश दिए गए। लेकिन कार्रवाई होने में 10 दिन लग गए। बताया जा रहा है कि बस का परिचालक रोडवेज कर्मचारी नेता है। इसलिए कार्रवाई होने में देरी हो गई। वहीं 10 दिन बाद संबंधित चालक परिचालक पर कार्रवाई होने के बाद रोडवेज कर्मचारियों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

कार्रवाई होने में देरी को लेकर कोई परिचालक के रोडवेज कर्मचारी यूनियन का नेता बता रहा है तो, कोई इसे रोडवेज चालक परिचालकों की मनमानी। ऋषिकेश से रुपैडिया मार्ग पर दोपहर 1:30 बजे एक बस संचालित होती है। 50 सीटर बस में 70 सवारी बैठाए जाते हैं। रुपैडिया रुट पर जाने वाली सवारियों में अधिकांश नेपाल मूल के लोग होते हैं। इनके साथ इनका घरेलू सामान भी होता है। कुछ सामान को छत में रखवा दिया जाता है, बाकी सामान को सीटों और सीटों के नीचे ठोक दिया जाता है। सवारियों को भी ठूस-ठूस कर भरा जाता है। एजीएम ऋषिकेश डिपो पीके भारती का कहना है इस मामले में रोडवेज मुख्यालय की ओर से शाम को मेल आई थी सुबह कार्रवाई कर दी गई। होली के कारण कार्रवाई में देरी हो गई।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

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