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सतर्क होने की जरूरत

भारत को चीन में बनी हालत से सबक लेना चाहिए। कुछ महीनों पहले तक चीन की जीरो कोविड नीति अपनी सफलता के लिए जानी जाती थी। लेकिन अब वहां 40 से भी ज्यादा शहरों में पूरा या आंशिक लॉकडाउन लागू है। शंघाई में लागू कोविड लॉकडाउन के दौरान तीन लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना महामारी की नई लहर आने का संकेत हर रोज पुख्ता होता जा रहा है। जब पोजिटिविटी रेट में तेज बढ़ोतरी होने लगे, तो मतलब साफ है कि संक्रमण फैल रहा है। दिल्ली में दो हफ्तों के अंदर पोजिटिविटी रेट आधा फीसदी से बढ़ते हुए पौने आठ प्रतिशत तक पहुंच गई है। दूसरे कई राज्यों में भी ऐसा ही ट्रेंड है। हैरतअंगेज है कि इसके बावजूद खतरे की घंटी उस तरह नहीं बज रही है, जैसा अब तक हो जाना चाहिए था। दिल्ली में तो सोमवार तक मास्क पहनना भी अनिवार्य नहीं किया गया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिक फुर्ती दिखाई है, जिसने लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा समेत कई जिलों में मास्क की अनिवार्यता लागू कर दी है। भारत को असल में चीन में बनी हालत से सबक लेना चाहिए। कुछ महीनों पहले तक चीन की जीरो कोविड नीति अपनी सफलता के लिए जानी जाती थी। लेकिन अब वहां 40 से भी ज्यादा शहरों में पूरा या आंशिक लॉकडाउन लागू है। पिछले महीने शंघाई में लागू किए गए कोविड लॉकडाउन के दौरान तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यहां हर दिन हजारों लोग कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं।

शंघाई में हुई ताजा मौतों से पहले चीन में कोविड-19 की वजह से आखिरी मौत 19 मार्च को उत्तर-पूर्वी जिलिन प्रांत में दर्ज की गई थी। वो तकरीबन एक साल से ज्यादा के वक्त में पहली मौत थी। चीन जीरो कोविड नीति के तहत सख्त लॉकडाउन पर जोर देता आया है। हर दिन बड़ी संख्या में लोगों के टेस्ट और लंबे समय के लिए लोगों को क्वारंटीन करके चीन ने अपने देश में बीमारी को बड़े पैमाने पर फैलने से रोका था। ये तब की बात है जब पूरी दुनिया कोरोना से कराह रही थी। लेकिन अब ये नीति भी चीन को कोरोना संक्रमण के फैलाव  से बचाने में नाकाम होती नजर आ रही है। चीन के हांगकांग में कोविड 19 के जनवरी में सिर उठाने के बाद अब तक नौ हजार लोगों की मौत दर्ज हो चुकी है। उधर अमेरिका से भी खबर है कि वहां महामारी का नया दौर आने के तमाम संकेत हैं। वहां कई राज्यों ने मास्क की अनिवार्यता लागू कर दी है। साफ है, महामारी अभी कहीं गई नहीं है। यह घूम-फिर कर लौट रही है। भारत को इससे आगाह रहना चाहिए।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

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