रोस्टिंग को लेकर रुड़की शहर के डेढ़ लाख लोगों ने झेली तीन घंटे बिजली कटौती
रुड़की। रोस्टिंग को लेकर शहर के करीब डेढ़ लाख आबादी की बत्ती गुल हो गई। करीब तीन घंटे तक लोग अपने घरेलू, निजी और व्यावसायिक काम नहीं निपटा पाए। सुबह का नाश्ता बनाने से लेकर दोपहर का खाना बनाने में गृहणियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बिजली कटौती से लोगों को पानी का संकट भी झेलना पड़ा। मजबूरन लोगों ने हैंडपंप और अन्य साधनों से पानी की जरूरतों को पूरा किया।
शहर में बिजली कटौती ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है। बढ़ती गर्मी में ओवरलोड से उपकरण फूंकने लगते हैं। ट्रिपिंग ने समस्या को और बढ़ा दिया है। आए दिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किसी न किसी कारणवश लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि तीन दिन से मौसम का मिजाज बदलने से राहत जरूर मिली है। मंगलवार को सुबह दस बजे के बाद शहर के बड़े बिजलीघर बंद हो गए। लोगों को लगा कि कुछ मिनटों की कटौती हो सकती है।
या कोई ट्रांसफार्मर फूंकने से बिजली गई है। लेकिन करीब एक घंटे के बाद भी बिजली नहीं आने पर लोगों ने अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर बिजली घर में फोन घुमाने शुरू कर दिए। जहां से पता चला कि रोस्टिंग को लेकर बिजली कटौती की गई है। जिसके बाद लोगों ने अधिकारियों को भी फोन घनघनाने शुरू कर दिए। शांति देवी, योगेश गोयल, राकेश गोयल, नबी हसन अंसारी, सुरेंद्र पंवार, सुरेखा जैन, मालती जोशी, अनु जैन, वंदना, साहिल, शोएब, कुंती, दिनेश, रुकैया, ज्योति, दिनेश रावत और पूजा सिंह आदि ने बताया कि सुबह दस बजे के बाद आदर्श नगर, खंजरपुर, रामनगर, गणेशपुर, आजाद नगर, मेन बाजार, सिविल लाइंस, मेन बाजार आदि क्षेत्र की बिजली गुल हो गई थी। जिसके बाद वह अपने कपड़े धोने और खाना बनाने के काम समय पर नहीं कर पाए।
वहीं अन्य क्षेत्र वासियों ने बताया कि बिजली कटौती से वह अपने कारोबार से जुड़े कामों को नहीं कर पाने से काफी परेशान हुए। मजबूरन उन्हें जनरेटर और इनवर्टर की मदद से कामों को पूरा करना पड़ा। पानी का संकट भी खड़ा हो गया। क्योंकि करीब तीन घंटे बिजली कटौती से सबमर्सिबल और पानी की मोटर नहीं चलने से दैनिक काम काफी प्रभावित हुए। अधीक्षण अभियंता राहुल जैन ने बताया कि रोस्टिंग को लेकर समस्या खड़ी हुई थी। एक बजे के बाद बिजली घरों को चालू कर दिया गया था।