उत्तराखंड

तो अग्रवाल है रेखा-सचिन के बीच झगड़े का कारण.?

– ट्रांसफर एक्ट के तहत आयुक्त को तबादले का अधिकार, सचिन ने दिया जवाब, तबादले निरस्त करना संभव नहीं

– कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का रहा है विवादों से लंबा नाता, अब तबादले बन गये मुसीबत

देहरादून ।  6 जिला पूर्ति अधिकारियों के तबादले को लेकर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और आयुक्त सचिन कुर्वे के बीच लेटर बम चल रहे हैं। कैबिनेट मंत्री ने मीडिया को दावा किया कि यह तबादले रूल आफ बिजनेस का उल्लंघन है। उन्होंने बकायदा आयुक्त कुर्वे को लेटर जारी कर जवाब तलब किया और सचिन कुर्वे द्वारा किये गये जिला पूर्ति अधिकारियों के छह तबादले रद्द करने के निर्देश दिये हैं। मामला यही नहीं थमा। मंत्री ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की है। इस बीच, देर शाम को आयुक्त सचिन कुर्वे ने रेखा आर्य को उनके पत्र का टका सा जवाब दे दिया।

एलोकेशन आफ बिजनेस रूल की बात करें तो एक्ट के रूल 21 में ख श्रेणी के अधिकारियों के तबादले की शक्ति आयुक्त के पास हैं। यानी नियमानुसार आयुक्त सचिन कुर्वे ने अपनी शक्तियों के तहत ही इन छह जिला पूर्ति अधिकारियों का तबादला किया। सचिन कुर्वे ने अपने पत्र में भी उल्लेख किया है कि स्थायी स्थानांतरण समिति का गठन 2018 में ही हो गया था और उसका अनुमोदन आयुक्त ने 28 अप्रैल 2022 को कर दिया गया था। सचिन कुर्वे ने एक्ट 2017 का हवाला देते हुए कहा कि तबादले निरस्त नहीं हो सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो विभाग में अराजकता का माहौल होगा।

सूत्रों के मुताबिक सारी लड़ाई हरिद्वार के पूर्ति अधिकारी के के अग्रवाल को लेकर है। अग्रवाल की नौकरी का सारा समय हरिद्वार में ही बीता और उन्होंने यहीं कई प्रमोशन हासिल किये। सरकार किसी की भी रही हो और मंत्री कोई भी रहा हो। अग्रवाल हरिद्वार से हिला ही नहीं। सूत्रों के मुताबिक अब अग्रवाल का तबादला रुद्रप्रयाग किया गया है तो वह हाथ-पैर मार रहा है। नैनीताल के पूर्ति अधिकारी के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई गयी और तबादला निरस्त करने का दबाव बनाया गया।

यह भी बता दूं कि नौकरशाह और नेताओं की लड़ाई में हर बार भारी नौकरशाह ही पड़ते हैं। कारण, नौकरशाह कोमा, फुलस्टाप और एकवचन-बहुबचन का खेल खेलते हैं, यानी कागजी तौर पर मजबूत होते हैं। वैसे भी, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का विवादों से लंबा नाता रहा है। उनकी षणमुगम, सौजन्या से भी नहीं बनी। मनीषा पंवार ने तो उनसे कन्नी काट ली। अब सचिन कुर्वे के साथ यह विवाद गरमा गया है। जिलापूर्ति अधिकारियों का तबादला विवाद उनके लिए गरम दूध बन गया है।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *