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रेलवे में अग्निवीरों को रोजगार देने का खाका तैयार, रेल मंत्री की हरी झंडी इंतजार, जानिए क्या है पूरा प्लान

नई दिल्‍ली । सेना में अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच केंद्र सरकार इस योजना के तहत सेना में 4 साल सेवाएं देने वाले अग्निवीरों को रोजगार मुहैया कराने के रास्‍ते तलाशने में जोर-शोर से जुटी है. इसी के तहत रेलवे में भी अग्निवीरों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने की योजना बनाई जा रही है। सेना में 4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को रेलवे स्‍टेशनों पर ही काम मिल सकता है. इसके लिए रेलवे ने पूरी तैयारी कर ली है। इस योजना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव की मुहर लगनी बाकी है।

गौरतलब है कि सेना में अग्निपथ योजना के तहत होने वाली भर्तियों का विरोध हो रहा है. उनका कहना है कि सेना में केवल चार साल सेवा के बाद अग्निवीरों को बाहर निकाल देना सही नहीं है. इसके बाद ये अग्निवीर बेरोजगार हो जाएंगे और उन्‍हें कहीं काम नहीं मिलेगा. इसके अलावा इससे सेना की क्षमता पर भी असर होगा. वहीं, दूसरी ओर सरकार का कहना है कि अग्निवीरों को सेना से आने के बाद स्‍वरोजगार शुरू करने और नया रोजगार देने में सरकार पूरी सहायता करेगी।

यह है प्‍लान
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि अग्निवीरों को रेलवे में रोजगार मुहैया कराने का खाका खींच लिया गया है. अग्निवीरों को रोजगार देने के लिए “एक स्टेशन, एक उत्पाद” योजना के तहत स्टॉल मुहैया कराया जाएगा. इस योजना के तहत हर शहर के स्थानीय लोकप्रिय उत्पाद को बेचने के लिए हर प्लेटफार्म पर कम से कम दो स्थायी स्टॉल खोले जाएंगे. रेलवे का मानना है कि इससे हर क्षेत्र के लोकल प्रोडक्ट की ब्रांडिंग होगी. एक स्‍टेशन एक उत्‍पाद योजना में हैंडीक्राफ्ट, टैक्सटाइल, हैंडलूम, ट्रेडिशनल गारमेंट, स्थानीय कृषि उत्पाद आदि को शामिल किया गया है।

स्‍टेशनों पर मिलेंगे स्‍टॉल
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेल मंत्रालय चार साल बाद रिटायर होने वाले अग्निवीरों को रेलवे स्टेशनों पर विभिन्‍न उत्‍पादों की स्‍टॉल मुहैया कराने पर भी विचार किया जा रहा है। इन स्‍टॉल की सहायता वे अपना स्‍वरोजगार शुरू कर पाएंगे और उन्‍हें सेना से आने के बाद बेरोजगार नहीं रहना होगा।

Aanand Dubey

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