उत्तराखंडक्राइम

यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में कोर्ट ने तीन आरोपितों की जमानत की मंजूर

देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में कोर्ट ने तीन आरोपितों की जमानत मंजूर कर ली है। तीनों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। साथ ही दो अन्य आरोपितों की जमानत नामंजूर कर दी है। इस प्रकरण में अब तक कुल 24 आरोपितों को जमानत मिली चुकी है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक और नकल प्रकरण में एसटीएफ ने कुल 42 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। सोमवार को आरोपित फिरोज हैदर और हिमांशु कांडपाल की ओर से जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई थी। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपितों से एसटीएफ ने कोई भी ठोस साक्ष्य बरामद नहीं किए हैं। इनका परीक्षा की धांधली से संबंध नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को दरकिनार कर दोनों आरोपितों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। इसके अलावा तीन अन्य आरोपित विकास कुमार, मनोज जोशी और संजीव चौहान ने भी जमानत प्रार्थनापत्र कोर्ट में प्रस्तुत किए थे। इन तीनों की जमानत कोर्ट से मंजूर हो गई है।

आरोपितों को जमानत के लिए एक-एक लाख रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र और दो-दो जमानती प्रस्तुत करने पड़े। साथ ही कोर्ट ने उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं अब तक प्रकरण में कुल 24 आरोपित जमानत प्राप्त कर चुके हैं और 18 अभी जेल में बंद हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष डा. आरबीएस रावत और पूर्व सचिव डा. एमएस कन्याल की जमानत याचिका को विजिलेंस कोर्ट ने खारिज कर दिया। दोनों पर आयोग की ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती परीक्षा में धांधली करने का आरोप है। इसकी जांच एसटीएफ कर रही है।

वर्ष 2016 में आयोग की ओर से कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की बात सामने आने पर विजिलेंस ने जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज किया था। करीब ढाई साल की जांच के बाद भी विजिलेंस ने इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय की सिफारिश पर एसटीएफ को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई। एसटीएफ ने जांच को आगे बढ़ाते हुए बीते आठ अक्टूबर को आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डा. आरबीएस रावत, तत्कालीन सचिव डा. एमएस कन्याल और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों को न्यायालय के आदेश पर न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

सोमवार को विजिलेंस कोर्ट में डा. आरबीएस रावत और डा. एमएस कन्याल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। हालांकि, एसटीएफ की पड़ताल के आधार पर अभियोजन की दलीलों को सही पाते हुए स्पेशल विजिलेंस जज चंद्रमणि राय ने दोनों आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी।न्यायालय में अभियोजन ने कहा, एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों आरोपितों ने पेपर लीक समेत अन्य भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के आरोपित आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस कंपनी के मालिक राजेश चौहान के साथ मिलकर कई ओएमआर शीट में गड़बड़ी की थी। ऐसे में दोनों को जमानत देना उचित नहीं होगा।

 

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *