हरिद्वार में कोरोनाकाल से बांटे जा रहे मुफ्त राशन के सत्यापन के लिए पहुंची केंद्र की टीम
हरिद्वार। कोरोनाकाल के दौरान सरकार द्वारा मुफ्त राशन वितरण का प्लान बनाया गया था, जिसमें लोगों को मुफ्त में राशन वितरित की जा रही थी, यह सिलसिला अभी भी जारी है। इसी प्रक्रिया के तहत केंद्र से आई एक टीम ने राशन के सत्यापन के तहत व्यवस्थाओं को जांचा परखा। इस दौरान खाद्य आपूर्ति विभाग के सभी अधिकारी सचेत अवस्था में नजर आए। जांच टीम ने प्रदेशभर में हरिद्वार में सबसे अधिक बायोमीट्रिक के माध्यम से राशन वितरण पर विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाई। मार्च 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना के कार्ड धारकों को मुफ्त राशन देना शुरू किया था।
योजना से राशन कार्ड में दर्ज परिवारों के लोगों की संख्या के आधार पर प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम गेहूं व चावल दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने योजना का कई बार विस्तार किया गया। दिसंबर तक योजना से मुफ्त राशन दिया जाना है। इसी के तहत केंद्र की टीम ने देहरादून से लेकर हरिद्वार तक में राशन वितरण की व्यवस्थाओं को परखा। टीम ने देहरादून से अच्छी व्यवस्था हरिद्वार में होने पर अधिकारियों की कार्यप्रणाली को सराहा। खासकर प्रदेश में सबसे अधिक 85 प्रतिशत बायोमीट्रिक से उपभोक्ताओं को राशन दिए जाने पर प्रशंसा व्यक्त की। इस मौके पर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी मुकेश पाल, क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक एमएस रावत, पूनम सैनी, पूर्ति निरीक्षक ममता ग्वाड़ी आदि मौजूद रहे।