उत्तराखंड

उत्तराखंड में मूसलाधार वर्षा से चारधाम यात्रा मार्ग बाधित, 9400 यात्री फंसे

देहरादून। उत्तराखंड में बुधवार को मूसलाधार वर्षा और भूस्खलन से बंद मार्गों ने यात्रियों व स्थानीय निवासियों को परेशान रखा। चारधाम यात्रा मार्ग बाधित होने से 9400 से अधिक यात्री अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। इनमें कांवड़ यात्री भी शामिल हैं। प्रशासन ने सभी को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया है। मार्गों पर मलबा आने से 503 गांव जिला मुख्यालय से अलग-थलग पड़ गए हैं। 123 गांवों में बिजली-पानी की आपूर्ति और 50 से अधिक गांवों में संचार सेवा ठप है। राज्य में 249 संपर्क मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हैं। पिछले छह दिन से जारी मूसलाधार वर्षा से उत्तराखंड में जनजीवन बेहाल है। उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग और रुद्रप्रयाग व चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन से बाधित हो गए हैं। उत्तरकाशी के खीरगंगा में बाइक से आए करीब 400 कांवड़ यात्री, गंगनानी में दो हजार से अधिक यात्री और चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग पर करीब तीन हजार यात्री फंसे हुए हैं।

इसके अलावा चमोली में बदरीनाथ धाम जा रहे चार हजार तीर्थयात्रियों को जिला प्रशासन ने देर शाम सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न पड़ावों पर ही रोक दिया है। उत्तरकाशी में बुधवार सुबह गंगोत्री हाईवे पर फंसे करीब तीन हजार कांवड़ यात्रियों को सीमा सड़क संगठन ने वैकल्पिक मार्ग से गंतव्य की ओर रवाना किया। बागेश्वर में एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। टिहरी और उत्तरकाशी जिले में कुछ मकानों के खतरे की जद में आने के बाद प्रशासन ने नौ परिवार सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए हैं। रुद्रप्रयाग में सात परिवार घर असुरक्षित होने पर खुद अन्यत्र चले गए। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार को देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में भारी वर्षा की आशंका जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है।

Anand Dube

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