उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर फंसने लगे पेंच, कांग्रेस कमेटी ने बैठक का किया आयोजन
दिल्ली दरबार तक पहुंचा मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव को लेकर एक बार फिर से गठबंधन में पेंच फंसने लगा है। दरअसल यह पेंच फंसा है सीटों के उस बंटवारे को लेकर, जिस पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी अपना-अपना दावा ठोक रही हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हाल में ही इस उपचुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया था। इस दौरान चर्चा यही हुई थी कि उसकी दावेदारी उन पांच सीटों पर होगी, जहां एनडीए के प्रत्याशी थे। जबकि चर्चा इस बात की है कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को दो से लेकर चार सीटें ही देने की तैयारी कर रही है। फिलहाल सीटों के इस पेंच को लेकर अब मामला दिल्ली दरबार तक पहुंच चुका है। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।
उप चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष भी अपनी पूरी फील्डिंग सजाने में लगा है। लेकिन इसी सियासी दांव पेंच में मामला एक बार फिर गठबंधन के समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच में फंसता हुआ दिख रहा है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने हाल में हुई बैठक के दौरान तय किया कि जिन पांच सीटों पर भाजपा या एनडीए के विधायक थे, वहां पर उसकी दावेदारी होगी। इसी दावेदारी को देखते हुए कांग्रेस ने प्रदेश के पदाधिकारियों समेत उन जिला अध्यक्षों को भी बुलाया था, जिसमें यह विधानसभा सीटें आती हैं। चर्चा इस बात पर हुई की जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है। तो इस विधानसभा के उपचुनाव में भी उसको मौका मिलना चाहिए। ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की अपनी ताकत का भी अंदाजा हो सके।
वहीं, समाजवादी पार्टी ने जिस तरीके से उपचुनाव की तैयारी की है, उसे देखते हुए इसका अंदाजा लग रहा है कि वह मजबूती से सभी 10 सीटों पर पूरी सियासी फील्डिंग सजा रही है। हालांकि समाजवादी पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि गठबंधन के लिहाज से सीटों के बंटवारे पर केंद्रीय नेतृत्व आपस में तय करेगा। लेकिन उनकी पार्टी सभी दसों सीटों पर एनडीए को हराने की रणनीति के साथ काम कर रही है। वह कहते हैं कि पार्टी के बड़े नेताओं के अनुसार जो तय होगा और जो सीटें कांग्रेस के हिस्से में आएंगी, उसमें उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों की तरह ही मदद करेगी। हालांकि सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी कांग्रेस को कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा चार सीटें ही देने का मन बना रही है। यही वजह है उपचुनावों की तारीखों से पहले ही गठबंधन के दो प्रमुख दलों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक बार फिर से सीटों को लेकर उठापटक शुरू हो गई है।