उत्तराखंड

गणपति बप्पा मोरिया…..आज घरों और पंडालों में विराजेंगे गजानन, शुरु हुआ गणपति महोत्सव

देहरादून।  गणपति बप्पा मोरिया के भजन और जयकारों की गूंज आज से शुरु हो गई है। आज घरों और पंडालों में गजानन विराजेंगे। इसके साथ ही गणपति महोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। गणेश स्थापना के लिए 11.03 बजे से दो घंटे 31 मिनट तक मुहूर्त रहेगा। राजधानी में गणेश चतुर्थी पर्व की तैयारियों को शुक्रवार को अंतिम रूप दिया गया। बप्पा के स्वागत के लिए पंडाल भव्य रूप से सजाए गए हैं। परम विहार के श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर में भव्य सजावट की गई है। भजन-कीर्तन के साथ हर दिन कार्यक्रम होंगे। कारीगरों ने भी बप्पा की मूर्ति को भव्य रूप दिया है।

मंदिरों में भव्य तैयारी की गई। आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है। पंचांग के अनुसार चतुर्थी की शुरुआत 6 सितंबर को दोपहर तीन बजे होगी और समापन 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे होगा। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। भगवान गणेश की स्थापना के लिए सुबह 11.03 बजे से दोपहर 1.34 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

मिट्टी की इको फ्रेंडली मूर्तियां बनीं लोगाें की पहली पसंद

शहर के बाजारों में गणपति बप्पा की मूर्तियों की धूम है। भगवान गणेश की मूर्तियों में शिव, राधा-कृष्ण, श्रीराम के स्वरूप भी देखने को मिल रहे हैं। मिट्टी की इको फ्रेंडली मूर्तियां लोगाें की पहली पसंद बनी हुई हैं। दुकानों पर लाल बाग के गणेश, मूषक वाले गणेश, डमरू वाले गणेश उपलब्ध हैं। यह मूर्तियां मेरठ, आगरा, कोलकाता से मंगवाई गई हैं।

कुछ महिलाएं स्वयं मूर्तियां तैयार कर रही हैं। छोटी मूर्तियां 30 रुपये से 50 रुपये तक की मिल रही हैं। मिट्टी से बनी गणेशजी की छोटी मूर्ति 200 रुपये में उपलब्ध है। जबकि, दो से ढाई फीट की मूर्ति की कीमत 1500 रुपये से शुरू है। झूले में बैठे गणेश और चांद पर बैठे गणेश जी की प्रतिमा की कीमत छह हजार से लेकर आठ हजार रुपये तक है।

पांच फीट की मूर्ति की कीमत 20 हजार से 30 हजार के बीच है। हरियाणा निवासी मूर्तिकार बबली ने बताया कि वह परिवार के साथ हर साल गणेशजी की मूर्तियां बनाती हैं। वह चौक वाली मिट्टी, पीओपी (प्लास्टर ऑफ पैरिस) का इस्तेमाल करती हैं। पर्व से पांच महीने पहले काम में जुट जाते हैं। मूर्ति बनाने के बाद रंग भी खुद ही करते हैं।

मिट्टी की मूर्ति को सूखने में लगते हैं कई दिन
मूर्तिकार बबली ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति को सूखने में कई दिन लगते हैं। इसमें खास किस्म की शाडू मिट्टी ली जाती है। इसे अच्छे से गूंथा जाता है। इसके बाद गणेशजी का आकार देकर सुखाया जाता है। अच्छे से सूखने के बाद मूर्ति को रंगकर आभूषणों से सजाया जाता है।

Aanand Dubey

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *