ब्लॉग

मारती ही जा रही महंगाई

अर्थशास्त्री इसे चिंता का पहलू बता रहे हैं। लेकिन इन तमाम सूरतों से जो एक व्यक्ति चिंतित नहीं है, वो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन हैं। कुछ ही दिन पहले उन्होंने कहा था कि महंगाई उनकी बड़ी चिंता का विषय नहीं है।

जुलाई में मुद्रास्फीति दर फिर से सात प्रतिशत पहुंच गई। उसमें अगर खाद्य पदार्थों की महंगाई का हिस्सा देखें, तो यह 7.62 प्रतिशत रहा। इसी के साथ औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में गिर कर छह महीनों के सबसे निचले स्तर पर चला गया। बाजार विशेषज्ञों इन आंकड़ों को इस रूप में देखा है कि लगातार बढ़ रही महंगाई से लोगों की वास्तविक आमदनी घट रही है और इसलिए उपभोग में लगातार गिरावट आ रही है। यानी बाजार से मांग गायब हो रही है। जब यह सूरत होगी, तो औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी का आधार ही नहीं बचता है। उधर निर्यात की परिस्थितियां बिगड़ती जा रही हैं, नतीजा चालू खाते का लगातार का लगातार बढ़ता घाटा है। इस बीच रुपये को संभालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अपने भंडार से लगातार बाजार में डॉलर डाल रहा है। उसका नतीजा दो सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आठ बिलियन डॉलर की गिरावट के रूप में सामने आया। साल में ये भंडार 642 बिलियन डॉलर से घटते हुए लगभग 553 बिलियन डॉलर तक आ पहुंचा है।

अर्थशास्त्री इसे चिंता का पहलू बता रहे हैं। लेकिन इन तमाम सूरतों से जो एक व्यक्ति चिंतित नहीं है, वो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन हैं। कुछ ही दिन पहले उन्होंने कहा था कि महंगाई उनकी बड़ी चिंता का विषय नहीं है। उनका ध्यान ग्रोथ पर टिका हुआ है। ग्रोथ पर उनका ध्यान शायद इसलिए है कि बेहद निम्न आधार के कारण मामलू सी वृद्धि भी बहुत ऊंची दिखती है। इससे हेडलाइन मैनेज करने में मदद मिलती है। लेकिन उससे भारतीय समाज में फैल रही माली बदहाली का हल नहीं निकलेगा, जिसकी कहानी खुद सरकारी आंकड़े भी बता रहे हैं। सोमवार को जारी आंकड़ों पर गौर करें, तो संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में भी महंगाई, घटती आमदनी, गायब होती मांग और उत्पादन में गिरावट की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद कम है। वैसे जब समस्या और उससे ग्रस्त लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है- यानी सरकार इसके हल में अपनी भूमिका नहीं मान रही है- तो इससे बेहतर किसी परिणाम की आशा भी नहीं की जा सकती है।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *