सुल्तानपुर। जिले में बनाए जा रहे मूंज के उत्पाद अब देश के कोने- कोने तक अपनी पहुंच बना सकेंगे, जी हां सुल्तानपुर जिले में बनाए जा रहे मूंज के गृहोपयोगी व सजावटी सामान को अब देश- विदेश के लोग खरीद सकते है। इसके लिए अब रेलवे स्टेशनों से लेकर अन्य जगहों तक में छोटे- छोटे स्टॉल लगाकर मूंज की वस्तुओं को लोग आराम से बेच सकते है। रेलवे की ओर से एक स्टेशन, एक उत्पाद की योजना के स्टॉल के लिए टेंडर भी निकाला गया है, साथ ही एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना के तहत मूंज उत्पाद के स्टॉल के लिए सुल्तानपुर रेलवे स्टेशन का पहला चयन किया गया है। स्टेशनों पर स्टॉल लगाकर मूंज उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा।
हम देखते है, कि रेलवे स्टेशनों पर देश विदेश सभी जगह के लोग पहुंचते है, जिसके माध्यम से वह वहां लगे मूंज उत्पादों को देखेंगे, और खरीदेंगे, तो उत्पाद देश- विदेश तक पहुंच जाएंगे। ऐसा करने से न केवल उत्पादों की खरीद होगी, बल्कि देश- विदेश तक इसकी पहुंच बनेगी। गोमती नदी के तराई क्षेत्रों में एक से डेढ़ लाख लोग मूंज के तरह- तरह के उत्पाद बनाते है, इसमें मुख्य तौर से रस्सी, मुड्डा, कुर्सी, मेज, पेन स्टैंड, हाथ का पंखा, मचिया, कैरीबैग, मौनी, पायदान आदि चीजें सम्मिलित है। अब लोगों की कला के साथ ही उत्पादों को भी पहचान मिलेगी।