उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार अब पर्यटक आवास गृह की जगह स्थापित करेगी कैरावैन पार्क, जानिए क्या मिलेंगी सुविधायें

देहरादून। राज्य में कुमाऊं-गढ़वाल के सुदूरवर्ती क्षेत्र में नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर कई पर्यटक स्थल हैं। लेकिन पर्यटन विभाग इन स्थलों में करोड़ों रुपये खर्च कर पर्यटक आवास गृह बनाने की स्थिति में नहीं है। इसके विकल्प के रूप में पर्यटन विभाग ने कैरावैन पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। इन स्थानों पर पर्यटन विभाग कैरावैन के साथ ही रेस्टोरेंट, पार्किंग, बिजली-पानी सभी सुविधाएं विकसित करेगा। पर्यटन विभाग राज्य के दुर्गम पर्यटक स्थलों में पर्यटक आवास गृह स्थापित करने के बजाए कैरावैन पार्क विकसित करेगा। नैसर्गिक सौंदर्य से भरे इन पर्यटक स्थलों में पर्यटक कैरावैन में रहेंगे। कैरावैन का खर्च नहीं उठा पाने वाले पर्यटक लग्जरी टैंट में रह सकेंगे। इसमें पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट, पार्किंग, बिजली, पानी की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसे दूसरे स्थानों पर शिफ्ट भी किया जा सकेगा।

मध्यम वर्गीय पर्यटकों के लिए लग्जरी टैंट स्थापित किए जाएंगे। यहां आकर पर्यटक अपने टैंट लगाकर भी पर्यटन का आनंद ले सकेंगे। पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किए गए स्थानों पर यदि पर्यटक नहीं पहुंचते हैं तो इन्हें अन्यत्र स्थापित किया जा सकेगा। जबकि करोड़ों रुपये खर्च कर बनने वाले पर्यटक आवास गृहों के नहीं चलने की स्थिति में उसे फायदे में लाने। आगे चला पाना पर्यटन विभाग के लिए चुनौती बना रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने कैरावैन पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। पर्यटन विकास परिषद ने देहरादून के गढ़ी कैंट में इस तरह के कैरावैन पार्क की शुरुआत कर दी है।

ये सुविधाएं मिलेंगी
कैरावैन में पर्यटकों को एलसीडी, सेटेलाइट टीवी, जीपीआरएस, नेविगेशन सिस्टम, वॉशरूम, पेंट्री, कॉफी मेकर, माइक्रो वेव आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसमें बैठकर आप घर में रहकर सैर करने का एहसास कर सकेंगे। कैरावैन के जरिए पर्यटक दूरदराज के इलाकों, जंगलों और नदियों के किनारे उत्तराखंड यात्रा को यादगार बना सकते हैं। कैरावैन में आवास, भोजन की सुविधा होने के चलते पर्यटकों को अलग से होटल की बुकिंग नहीं करानी पड़ेगी।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कैरावैन पार्क पर्यटन विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत जल्द ही कुमाऊं व गढ़वाल के नैसर्गिक सौंदर्य वाले पर्यटक स्थलों का चयन किया जाएगा। इन स्थलों पर पर्यटन विभाग पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाएं विकसित करने के साथ ही उनमें कैरावैन व लग्जरी टैंट स्थापित करने की व्यवस्था करेगा। इस परियोजना के शुरू होने से राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पर्यटन विकास की योजना को बढ़ावा मिलेगा।

Aanand Dubey

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