राष्ट्रीय

लोकसभा में पेश हुआ वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, विपक्षी दलों की सरकार पर घेराबंदी

नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल आज लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरे में ले लिया है। माना जा रहा है कि वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से इसमें कुल 40 संशोधन किए गए हैं। कई मुस्लिम संगठन भी इस सरकारी फैसले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। विपक्ष ने सरकार से अपील की है कि इस बिल को पेश किए जाने के बाद संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए ताकि इस पर गहराई से विचार किया जा सके।

वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन पर राजनीतिक घमासान
वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधनों ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इन प्रस्तावों का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को उनकी भूमि, संपत्ति और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत गारंटीकृत “धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता” से वंचित करना है। सत्तारूढ़ एनडीए ने जवाबी तर्क दिया है कि वक्फ बोर्डों को विनियमित करने की मांग मुस्लिम समुदाय से ही आई है।

वक्फ प्रॉपर्टी क्या है?
वक्फ प्रॉपर्टी एक चल या अचल संपत्ति को संदर्भित करती है जिसे धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए भगवान के नाम पर समर्पित किया जाता है। यह प्रथा दस्तावेजीकरण की प्रथा शुरू होने से पहले से अस्तित्व में है। वक्फ संपत्तियां या तो सार्वजनिक धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए हो सकती हैं या किसी व्यक्ति के वंशजों को लाभ पहुंचाने के लिए निजी रखी जा सकती हैं। वक्फ संपत्ति अहस्तांतरणीय होती है और इसे ईश्वर के नाम पर स्थायी रूप से रखा जाता है। वक्फ से प्राप्त आय आमतौर पर शैक्षणिक संस्थानों, कब्रिस्तानों, मस्जिदों और आश्रय गृहों को वित्त पोषित करती है।

वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है जिसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए नामित सदस्य होते हैं। बोर्ड प्रत्येक संपत्ति के लिए एक संरक्षक नियुक्त करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसकी आय का इस्तेमाल इच्छित उद्देश्यों के लिए किया जाए। सेंट्रल वक्फ काउंसिल (सीडब्ल्यूसी), जो 1964 में स्थापित हुई थी, पूरे भारत में राज्य-स्तरीय वक्फ बोर्डों की देखरेख और सलाह देती है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, यह केंद्र सरकार, राज्य सरकार और वक्फ बोर्डों को उनकी संपत्तियों के प्रबंधन पर सलाह भी देती है और बोर्ड के प्रदर्शन, विशेष रूप से वित्तीय प्रदर्शन, सर्वेक्षण, राजस्व रिकॉर्ड, वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण, वार्षिक और लेखा परीक्षा रिपोर्ट आदि पर जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश भी देती है।

Aanand Dubey

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *