उत्तराखंड

आरोपी अफसर बाहर, किसानों के दस्तावेज ट्रेजरी के डबल लॉक में जमा

देहरादून। ऊधमसिंह नगर जिले में वर्ष 2017 में सामने आये चर्चित एनएच 74 घोटाले के पांच साल बाद भी करीब 100 गांवों के भूमि से संबंधित मूल दस्तावेज समेत अन्य कागजात आज भी रुद्रपुर में ट्रेजरी के डबल लॉक में जमा हैं। इन मूल दस्तावेजों के जमा होने से किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोन लेने से लेकर विवादित भूमि की पैमाइश कराने, आर-6 में दर्ज होने से रह गई जमीन को दाखिल-खारिज करने में दिक्कतें और नामांतरण पंजिका समेत 12 साल का रिकॉर्ड नहीं मिलने से किसान परेशान हैं।

आर-6 रजिस्टर, खसरा, खतौनी समेत अन्य मूल दस्तावेज ट्रेजरी में जमा हैं।वहीं, करीब 14 गांवों में चकबंदी से जुड़े दस्तावेज भी ट्रेजरी के डबल लॉक में बंद होने से चकबंदी की प्रक्रिया रुकी है। एनएच से जुड़े भूमि अधिग्रहण के मामले भी लटके हैं। खास बात यह है पांच सौ करोड़ के इस चर्चित घोटाले में आरोपी बनाये गये दो आईएएस अधिकारी और छह पीसीएम अधिकारी जांच के दौरान निलंबित होने के बाद बहाल होकर फिर से तैनात हो चुके हैं। दो पीसीएस अफसरों को जांच के दौरान ही क्लीन चिट मिल गयी थी।

सितारगंज के पंडरी में घोटाले का कोई मामला नहीं निकला। बावजूद दस्तावेज डबल लॉक में हैं। जमीनों की दाखिल-खारिज, विरासतन, कृषि उपकरणों की खरीद, खतौनी नहीं होने से ऋण नहीं मिल रहा है। इससे किसान परेशान हैं।
हमारी गलती नहीं है। किसी ने घोटाला किया किसी ने लाभ कमाया। दस्तावेज ट्रेजरी में बंद होने से हम परेशान हैं। हमने जिलाधिकारी से मिलकर दस्तावेजों को ट्रेजरी से निकालने की मांग की थी लेकिन अब तक किसी गांव के दस्तावेज नहीं निकले। घोटाले की जांच को पांच साल हो चुके हैं। घोटाले के आरोपी अफसर बहाल हो चुके हैं। आरोपियों को जमानत मिल चुकी है अब तक गांवों के दस्तावेज ट्रेजरी के डबल लॉक में बंद हैं।

इन दस्तावेजों के ट्रेजरी में कैद होने से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।घोटाले से संबंधित गांवों के दस्तावेज ट्रेजरी में 25 से अधिक बॉक्स में सुरक्षित रखे हैं। बीतों दिनों डीएम ने संबंधित उपजिलाधिकारियों व विभागों को दस्तावेज निकालने के निर्देश दिए थे। पत्र कोषागार को नहीं मिला है।

Aanand Dubey

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