गन्ना समिति की कीटनाशक दवा की होगी सैंपलिंग
रूडकी। किसान ने गन्ना समिति से खरीदी कीटनाशक दवा की बैच संख्या को कंपनी की वेबसाइट से मिलान किया, तो वेबसाइट ने इसे गलत बताया। किसान ने समिति अधिकारियों से शिकायत की। शिकायत पर पहुंचे दवा निर्माता कंपनी के अधिकारियों ने जांच कर दवा को असली बताया। फिर भी दवा का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
खानपुर ब्लॉक में अब्दीपुर के किसान कुशलपाल सिंह उर्फ पप्पू ने दो दिन पहले लक्सर गन्ना समिति से चार, चार किलो के छह बैग वाली फरटेरा नामक कीटनाशक दवा की दो पेटी (कुल 48 किलोग्राम) खरीदी थी। हानिकारक कीट से फसल के बचाव के लिए किसान इस दवा को इस्तेमाल करते हैं। गन्ने में डालने से पहले उनके बेटे विपुल ने दवा के बैग पर अंकित बैच संख्या को दवा की निर्माता कंपनी एफएमसी इंडिया की वेबसाइट पर डालकर देखा, तो वेबसाइट ने इसे इनवैलिड बता दिया। बाद में उन्होंने यही दवा बाजार से खरीदकर मिलान किया, तो इस बार नतीजा वेलिड मिला। इस पर कुशलपाल ने बेटे संग गन्ना समिति पहुंचे और इसे नकली बताकर शिकायत की।
समिति अधिकारियों से जानकारी मिलने पर कंपनी के एसआईओ बोबिंद्र मलिक ने समिति कार्यालय पहुंचकर दवा की जांच कर इसे असली बताया। उनका कहना था कि किसान के बेटे द्वारा दवा के बैग का कोड कंपनी की वेबसाइट पर डालकर चेक किया गया था। जबकि जांच के लिए गैब पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन किया जाना था। बताया कि कोड को स्कैन करने से कंपनी की पूरी जानकारी मिल रही है। लिहाजा दवा में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है। उधर, लक्सर गन्ना समिति के प्रभारी सचिव सूरजभान सिंह व गन्ना परिषद के एससीडीआई प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि एहतियात के तौर पर किसान द्वारा खरीदी गई दवा का सैंपल लेकर इसे लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है।