रुड़की में 6 साल से चरमरा रही यातायात व्यवस्था, जगह- जगह पर ट्रैफिक लाइटों को ग्रीन सिग्नल का इंतजार
रुड़की। शहर में 6 साल पहले से ही यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है, जगह- जगह पर ट्रैफिक लाइट खराब हो रखी है, जिसके चलते यातायात व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हो रही है। ट्रैफिक लाइटों में खराबी के चलते लोगों को 6 साल से ग्रीन सिग्नल का इंतजार है। आपको बता दें कि रुड़की शहर के सात चौराहों पर एक करोड़ की लागत से ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थी, लेकिन इनकी खराबी के बाद से अभी तक इनको न तो ठीक करवाया गया है, और न बदला गया है। छह साल से इन लाइटों को ठीक कराने का मामला नगर निगम और पुलिस के बीच अटका पड़ा है।
दो महीने में ही खराब हुई लाइटें
2016 में शहर के सात चौराहों पर एक करोड़ की लागत से ट्रैफिक लाइटें लगवाई गई थी, लेकिन यह लाइटें दो महीने बाद ही खराब हो गई, जिसके बाद निगम ने इन लाइटों में पैदा हुई खामियों को दूर किया, और पुलिस विभाग को इस पूरे मामला में पत्र लिखकर संचालन करने को कहा। अब शहर में एडीबी प्रोजेक्ट के तहत सीवर व ड्रेनेज के लिए खोदाई शुरु हो गई, जिसके चलते कई जगहों पर तारें कट गई, इसके बाद निगम का इस ओर अभी तक ध्यान नहीं गया है।
जाम और अतिक्रमण से परेशान लोग
ट्रैफिक लाइटों के खराब होने की वजह से जगह- जगह पर जाम और अतिक्रमण से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एसएसपी की मौजूदगी में कई बार इस पूरे मामले को उठाकर बैठक बुलाई गई है। बैठक में लाइटों को ठीक कराने के आदेश दिए गए, जिसके बाद इनकों ठीक भी किया गया, लेकिन अब फिर से खराबी के बाद से शहर की यातायात व्यवस्था ज्यों की त्यों बन गई है।
इन चौराहों पर लगी है लाइटें
हालांकि जिलाधिकारी ने पुलिस व नगर निगम को तालमेल के साथ फिर से इन लाइटों को ठीक करने के निर्देश दिए है, व रामनगर चौक, आजादनगर चौक, बीएसएम तिराहा, रुड़की टाकीज चौराहा, खंजरपुर रोड़, मलकपुर चुंगी, मिलिट्री चौराहा आदि जगहों पर लगी ट्रैफिक लाइटों का संचालन करने को कहा है।