कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद खानपुर क्षेत्र समेत जिले में शुरु हुई बागड़ यात्रा
रुड़की। कांवड़ यात्रा के खत्म होने के बाद अब खानपुर क्षेत्र समेत जिले में बागड़ यात्रा शुरु हो गई है, आइए जानते है, क्या कुछ खास होता है, बागड़ यात्रा में। बागड़ यात्रा में सभी श्रद्धालु राजस्थान जाते है, और वहां भगवान गोगा जाहरवीर की महाड़ी पर माथा टेककर लौटते है। मंदिर से लौटने के बाद बड़े भोजन कंदूरी का आयोजन किया जाता है। इसमें मुख्य तौर पर प्रसाद के रुप में कढ़ी, चावल बनाया जाता है, और सभी श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है।
श्रद्धालु भी बड़े प्यार से कढ़ी, चावल को प्रसाद के रुप में खाते है। इस में मुख्य विशेषता यह है कि किसी को भी बागड़ यात्रा के लिए न्यौता नहीं दिया जाता, और न ही किसी को कंदूरी में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जाता है। जिसको भी कंदूरी के बारे में पता चलता है, वह खुद ही प्रसाद ग्रहण करने पहुंच जाता है।
इसमें न किसी को आने के लिए रोका जाता है, और न ही जाने को, सभी अपनी मन इच्छा से आते है। बीते दिन दर्जनों लोगों की संख्या बागड़ यात्रा पर निकली है। कोरोनाकाल के बाद शुरु हुई यात्रा को लेकर सभी उत्साहित है, जिस तरह दो साल बाद कांवड़ यात्रा शुरु हुई, ठीक उसी प्रकार से बागड़ यात्रा भी शुरु हुई है।