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हिमाचल में भाजपा की मुसीबत बागी!

`हिमाचल प्रदेश में भाजपा हर पांच साल में सत्ता बदल देने का रिवाज बदलने की परंपरा को बदलने के नारे के साथ लड़ रही है लेकिन पांच साल की प्रदेश की और आठ साल की केंद्र की एंटी इन्कंबैंसी के बीच बागियों ने पार्टी की सिरदर्दी बढ़ाई है। एंटी इन्कंबैंसी कम करने के लिए पार्टी ने 11 विधायकों की टिकट काटी लेकिन इससे पार्टी के अंदर बगावत बढ़ गई। इसी तरह टिकट बंटवारे में पार्टी ने कांग्रेस से आए कुछ नेताओं और विधायकों को टिकट दी, जिसकी वजह से भाजपा के पुराने नेता बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे। उम्मीद की जा रही थी कि शनिवार को नाम वापसी के आखिरी दिन तक भाजपा अपने बागियों को मना लेगी लेकिन एकाध को छोड़ कर उसके तमाम बागी मैदान में हैं।

बागियों को मनाने के लिए खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कमान संभाली थी। हिमाचल उनका गृह प्रदेश है इसलिए वे निजी तौर पर सभी छोटे बड़े नेताओं को जानते हैं। उनके साथ साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी पूरी मेहनत की। पार्टी के आला नेताओं की पहल पर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी गुस्सा छोड़ कर बागियों को मनाने और पार्टी के लिए प्रचार में उतरे। दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार को धूमल को भी इस काम में लगाया गया और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी बड़ी मेहनत की। फिर भी करीब एक दर्जन सीटों पर बागी नेता भाजपा का खेल बिगाड़ रहे हैं। इसके उलट कांग्रेस ने आठ बागी उम्मीदवारों के नाम वापस करा दिए। हालांकि अब भी उसके छह नेता बागी होकर लड़ रहे हैं, जिनको पार्टी से निकाला गया है।

बहरहाल, भाजपा के पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी किन्नौर सीट से निर्दलीय लड़ेंगे। उनको मनाने की कोशिशें कामयाब नहीं हुईं। इसी तरह देहरा सीट पर भाजपा के बागी होशियार सिंह ने नाम वापस नहीं लिया। अकेले कुल्लू की छह में से चार सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़ रहे हैं। मनाली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है, जिनके विरोध में पार्टी के दूसरे नेता महेंद्र सिंह ठाकुर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नालागढ़ में भाजपा के पूर्व विधायक केएल ठाकुर निर्दलीय लड़ रहे हैं। पार्टी ने पिछली बार उनको हराने वाले कांग्रेस के लखविंदर राणा को टिकट दिया है। सो, केएल ठाकुर के समर्थकों ने पूरे इलाके में भाजपा मुर्दाबाद और कमल छाप पर क्रॉस के निशान के पोस्टर लगाए हैं।

कुल्लू सदर से बागी हुए महेश्वर सिंह को मनाने में भाजपा कामयाब रही, लेकिन उनका दुख समाप्त नहीं हुआ है, वे प्रचार के दौरान नड्डा के सामने मंच पर ही रो पड़े। इससे भाजपा के प्रत्याशी नरोत्तम सिंह की मुश्किलें बढ़ी हैं। बंजार विधानसभा क्षेत्र से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह बागी होकर चुनाव मैदान में हैं। आनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट सीपीएम से आए लोकेंद्र को देने के विरोध में निवर्तमान विधायक किशोरी लाल सागर ने बगावत की है। बागी नेताओं से कांग्रेस को इतनी परेशानी हुई है कि चुनाव के बीच संगठन में बदलाव करना पड़ा है और प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने सात जिलों में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए हैं।

Aanand Dubey / Sanjay Dhiman

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