उत्तराखंड

द्रौपदी का डांडा चोटी पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आए एक और पर्वतारोही का शव पहुंचा मातली हेलीपैड

उत्तरकाशी। द्रौपदी का डांडा चोटी आरोहण के दौरान हुई हिमस्खलन की घटना में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के दो प्रशिक्षु अभी लापता हैं। जबकि बेस कैंप से बंगाल के एक प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचा दिया गया है।

यहां से पोस्टमार्टम के लिए शव जिला अस्पताल लाया गया है। प्रशिक्षु पर्वतारोही का नाम सौरव बिश्वास निवासी, डिफेंस कालोनी, कम्पा जिला 24 परगना नार्थ कंचनपुरा (बंगाल) है।

इससे पहले भारी बर्फबारी के कारण मंगलवार और बुधवार को खोज बचाव अभियान प्रभावित रहा है। वीरवार को फिर खोज बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग और सेना की नई रेस्क्यू टीम उत्तरकाशी से बेस कैंप के लिए रवाना हुई। शुक्रवार को मौसम अनुकूल होने पर हेली रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

घटना में लापता हुए 27 के शव बरामद

हिमस्खलन की घटना में लापता हुए 27 के शव बरामद हुए। जिसमें गत सोमवार तक 26 के शव को शिनाख्त कर स्वजन को सौंपे गए थे। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी का 42 सदस्सीय एडवांस कोर्स का प्रशिक्षु व प्रशिक्षक दल चार अक्टूबर की सुबह समिट कैंप से द्रौपदी का डांडा के आरोहण के लिए गया था।

इस दल में शामिल दो प्रशिक्षक सहित 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आए थे। दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं। जिस स्थान पर प्रशिक्षु दबे हुए हैं, उस स्थान को रेस्क्यू टीम ने चिन्हित कर दिया है। उच्च हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी ने खोज बचाव टीम के सामने बड़ी चुनौती खड़ी की है। हर दिन खोज बचाव टीम को क्रेवास तक जाने के लिए नए तरीके से एप्रोच मार्ग बनाना पड़ रहा है।

तीन दिन बाद भी नहीं लाया जा सका मृतक ट्रैकर का शव

रांसी से महापंथ-केदारनाथ ट्रैक पर तीन दिन बाद भी बंगाल के मृतक ट्रैकर का शव नहीं निकाला जा सका है। घायल ट्रैकर को पूर्व में ही रेस्क्यू करके केदारनाथ धाम लाया जा चुका है।

केदारनाथ धाम से छह किलोमीटर की दूरी पर बंगाल के एक ट्रैकर की मौत हो गई थी, लेकिन मौत के तीन दिन बाद भी शव को नहीं लाया जा सका है। इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही है, जबकि जिस स्थान पर शव है वह रास्ता भी काफी खतरनाक है। इससे पूर्व डीडीआरएफ व एनडीआरएफ के साथ ही चार पोर्टर की संयुक्त टीम ने 10 अक्टूबर को घायल ट्रैकर को देर रात्रि केदारनाथ लाई थी, जो उपचार के बाद ठीक है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि जहां शव है, वहां हेलीकाप्टर के उतरने का स्थान भी नहीं हैं, वहां जाने का रास्ता भी काफी जटिल है। क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही है, शव को जाने का प्रयास जारी किए जा रहे हैं।

बताया कि बंगाल का एक ट्रैकिंग दल रांसी से होते हुए महापंथ-केदारनाथ के लिए दो अक्टूबर को रवाना हुआ था। इसमें कुल 10 सदस्य शामिल थे। आठ सदस्य सुरक्षित केदारनाथ धाम पहुंच गए थे, जबकि दो सदस्य केदारनाथ से लगभग छह किलोमीटर दूरी पर फंसे गए थे। इसमें एक ट्रैकर की मौत हो गई थी, जिसका शव अभी उसी स्थान पर पड़ा हुआ है।

Anand Dube

superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, 7505953573

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *