अंतर्राष्ट्रीय

पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के छह सदस्यों के खिलाफ हत्या के मामले में जांच आदेश जारी

व्यक्ति की मृत्यु पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज

ढाका में दर्ज की गई एफआईआर 

बांग्लादेश। बांग्लादेश की एक अदालत ने पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के छह सदस्यों के खिलाफ हत्या के मामले में जांच का आदेश दिया है. इन सभी के खिलाफ एफआईआर ढाका में दर्ज कर ली गई है. दरअसल इन सभी लोगों को जुलाई 2024 में सरकारी नौकरी कोटा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मृत्यु पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.हसीना फिलहाल दिल्ली में हैं. सवाल ये उठता है कि क्या ऐसे में इंटरपोल शेख हसीना को गिरफ्तार कर सकता है.

साथ ही एक सवाल और भी है कि क्या बांग्लादेश सीधे भारत को भी ये अनुरोध कर सकता है कि शेख हसीना उनके देश में हत्या के मामले में वांछित हैं, लिहाजा उनको प्रत्यर्पित किया जाए. इसके बारे में हम आगे देखेंगे. पहले ये देखते हैं कि ऐसे मामले में क्या वाकई इंटरपोल बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की गिरफ्तारी कर सकती है.

क्या इंटरपोल से बांग्लादेश ने अनुरोध किया है
ऐसे मामलों में देश पहले इंटरपोल से अनुरोध करता है और उसको संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराता है. हालांकि इसके अलावा भी और भी बहुत कानूनी और देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि और जटिल पहलू होते हैं, जिसमें एक बड़ा पहलू जिस देश में वांछित व्यक्ति रह रहा हो, वहां की सरकार और अदालत का क्या रुख है.

हालांकि अब तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि बांग्लादेश ने शेख हसीना को गिरफ्तार करने का कोई अनुरोध इंटरपोल से किया है. फिर ये मामला अभी शुरुआती स्थिति में है. यानि ये अभी शुरुआती जांच चरण में ही है. इंटरपोल तब तक ऐसे मामलों में हाथ नहीं डालती जब तक कि उसे पुख्ता सबूत और सबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा दिए जाएं.

क्या इंटरपोल सीधे शेख हसीना को गिरफ्तार कर सकता है
इंटरपोल कभी किसी को सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकता बल्कि वो उस देश की पुलिस की मदद से ही काम कर सकता है. स्थानीय पुलिस ही वांछित व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसको इंटरपोल को सौंपेगी और इंटरपोल फिर जरूरी कानूनी कार्रवाई या औपचारिकताओं के बाद उसको उस देश को सौंपेगी, जिसने गिरफ्तारी के लिए उससे अनुरोध किया है. ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग संगठन के रूप में इंटरपोल के पास व्यक्तियों को सीधे गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है.

इंटरपोल ऐसे मामलों में क्या करता है
इंटरपोल किसी सदस्य देश के अनुरोध पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है, जो प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित किसी व्यक्ति का पता लगाने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए एक अनुरोध है. हालांकि वास्तविक गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण प्रक्रिया को अभी भी इसमें शामिल देशों के बीच द्विपक्षीय समझौतों और सहयोग के माध्यम से संभालने की जरूरत होती है.

बांग्लादेश ने इंटरपोल से कौन सी मदद मांगी है

बांग्लादेश ने हाल मेंही सांसद अनवारुल अजीम अनार की हत्या के मामले में एक संदिग्ध को पकड़ने के लिए इंटरपोल की सहायता मांगी है, इसमें हत्या के अभियुक्त के बारे में माना जाता है कि वह अमेरिका भाग गया है.

कब इंटरपोल हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है

गंभीर कानूनी अपराध – आमतौर पर कोई भी देश गंभीर कानूनी अपराध या भ्रष्टाचार के जुड़े आर्थिक अपराध मामलों में ही इंटरपोल की मदद ले सकते हैं. बेशक हसीना के खिलाफ इटंरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है लेकिन हत्या के जिस मामले में हसीना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वो सियासी या प्रशासनिक ज्यादा है. हसीना व्यक्तिगत तौर पर इससे नहीं जुड़तीं. लिहाजा ऐसे मामलोंं में इंटरपोल हाथ नहीं डालता.
आमतौर पर इंटरपोल के पास जो मामले भेजे जाते रहे हैं वो गंभीर अपराधों या संगठित अपराध से जुड़े होते हैं.

न्यायिक अनुरोध होना – रेड नोटिस के लिए अनुरोध किसी सदस्य देश के न्यायिक अधिकारियों से आना चाहिए. इसका मतलब यह है कि अनुरोध करने वाले देश की कानूनी प्रणाली द्वारा जारी मौजूदा गिरफ्तारी वारंट या अदालती आदेश होना चाहिए.

इंटरपोल के संविधान का पालन – जो भी देश अनुरोध कर रहा हो, उसका अनुरोध इंटरपोल के संविधान और नियमों के तहत होना चाहिए. विशेष रूप से, इंटरपोल के संविधान का अनुच्छेद 3 राजनीतिक, सैन्य, धार्मिक या नस्लीय चरित्र के किसी भी हस्तक्षेप या गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाता है. इसलिए अगर अनुरोध को राजनीति से प्रेरित माना जाता है, तो इसे अस्वीकार किया जा सकता है.

मानवाधिकार संबंधी – इंटरपोल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी देश द्वारा किया गया किसी व्यक्ति से संबंधित गिरफ्तारी का अनुरोध संबंधित व्यक्ति के मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं करता हो. अगर इंटरपोल को लगता है कि प्रत्यर्पण के बाद उस व्यक्ति पर यातना या अनुचित मुकदमे लाद दिये जाएंगे तो वो इस रिक्वेस्ट को खारिज कर सकता है.

न्यूनतम दंड का मापदंड- जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से अनुरोध किया गया हो, उसका अपराध इंटरपोल द्वारा परिभाषित आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं. यदि अनुरोध करने वाले देश में कथित अपराध के लिए पर्याप्त गंभीर दंड नहीं है, तो रेड नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है.

समीक्षा भी करता है इंटरपोल – किसी रिक्वेस्ट के पालन करने से पहले इंटरपोल के भीतर एक विशेष टास्क फोर्स द्वारा की जाती है. उसकी पूरी समीक्षा की जाती है, कहीं अगर कोई कमी नजर आती है तो इस मामले में इंटरपोल आगे नहीं बढ़ता.

क्या भारत से सीधे शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए कह सकता है बांग्लादेश
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि है. सार्क देशों में, भारत की नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ प्रत्यर्पण संधि है.28 जुलाई 2016 को, भारत और बांग्लादेश ने दोनों देशों के बीच भगोड़े अपराधियों के शीघ्र प्रत्यर्पण की सुविधा के लिए द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद 10 (3) में संशोधन करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि इसमें भी प्रत्यर्पण तब होता है जबकि दूसरे देश को पर्याप्त डोजियर सौंपे जाएं.

Aanand Dubey

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