हरिद्वार पंचायत चुनाव में 279 प्रधान 173 बीडीसी और आठ जिला पंचायत के परिणाम घोषित, 26 सीटों के परिणाम आना शेष
हरिद्वार। मतगणना के 37 घंटे बाद भी ग्राम पंचायत, बीडीसी और जिला पंचायत की सभी सीटों के परिणाम घोषित नहीं हो पाए हैं। ग्राम पंचायत की 316 में 279, बीडीसी की 218 में 173 और जिपं की 44 में से आठ सीटों के परिणाम घोषित किए गए।
26 सीटों के परिणाम अभी आना शेष
इनमें निर्दलीय पांच, बसपा दो और भाजपा के हिस्से में एक सीट आई है, जबकि 26 सीटों के परिणाम अभी आना शेष है। जिस धीमी रफ्तार से मतगणना चल रही है, उसे देखकर गुरुवार देर रात तक ही परिणाम घोषित होने की संभावना है। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार जिले में बेहतर प्रदर्शन न होने के चलते रुझानों से उत्साहित होकर भाजपा पदाधिकारियों ने बहुमत का दावा भी कर दिया है।
8.5 लाख से अधिक मतदाताओं ने डाले थे वोट
ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की 4305 सीटों पर 8791 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने के लिए सोमवार को 8.5 लाख से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले थे। चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों की किस्मत का पिटारा बुधवार को खुलना था। लेकिन, मतगणना की धीमी गति और अव्यवस्थाओं के चलते 38 घंटे के बाद भी सभी परिणाम घोषित नहीं हो पाए हैं। जबकि, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की ओर से गुरुवार शाम चार बजे तक परिणाम घोषित कराने का दावा किया गया था।
रुझानों में भाजपा वर्चस्व की ओर
हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा का वर्चस्व कायम होता दिख रहा है। जिपं सदस्य के अब तक सामने आए 28 रुझानों में भाजपा के खाते में 14, बसपा चार, कांग्रेस तीन, आम आदमी पार्टी व राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (आरजेपी) को एक-एक तथा निर्दलीय के खाते में पांच सीटें आती दिख रही है।
जिला पंचायत के पिछले बोर्ड में भाजपा की मात्र तीन सीटें ही थीं, जबकि बसपा की 16, कांग्रेस 13 और निर्दलीय 15 थे। लेकिन, अबकी सारा गणित उलटा होता दिख रहा है। जिपं की धुरंधर मानी जाने वाली बसपा और कांग्रेस दूसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही है।
उत्तराखंड बनने के बाद अब तक हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा आठ से ज्यादा सदस्य कभी नहीं जीती है। वर्ष 2000 में भाजपा के दो, 2005 में तीन और 2010 में आठ सदस्य व 2015 में तीन सदस्य जीते थे। 2019 उपचुनाव में भाजपा ने चार सदस्यों के बूते बसपा, निर्दल आदि की मदद से जिपं अध्यक्ष की प्रतिष्ठापूर्ण सीट कब्जायी। उपचुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी को 25, जबकि निर्दल को 20 वोट मिले थे।