उत्तराखंड

इस वर्ष दो दिन मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानिए वजह

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को इस बार दो दिन मनाया जाएगा, यह सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा, कि आखिर कृष्ण जन्माष्टमी को दो दिन कैसे मनाया जा सकता है, लेकिन इस बार की जन्माष्टमी को दो दिन ही मनाया जाएगा। आइए जानते है इसके पीछे क्या वजह है। कृष्ण जन्माष्टमी का हर किसी को बेशब्री से इंतजार रहता है, इस दिन लोग व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण को माखन का भोग लगाते है। कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी की धूम मची रहती है।

आज से ही कई मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां होने लग गई है, वहीं इस बार की जन्माष्टमी दो तिथियों में मनाई जाएगी। पहली तिथि 18 अगस्त को गृहस्थ जीवन वाले लोग जन्माष्टमी को मनाएंगे, और दूसरी तिथि 19 अगस्त को साधू संत जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि रात्रि में ही व्याप्त नहीं हो रही है, जिस कारण जन्माष्टमी को दो दिन मनाया जाएगा।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को आधी रात में रोहिणी नक्षत्र के दौरान हुआ था, अब जन्म उत्सव में तिथि और नक्षत्र दोनों के विशेष महत्व होते है। इसे देख इस बार 18 अगस्त को रात में लगभग 9 बजे के 20 मिनट के आसपास अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि अगले दिन रात्रि 11 बजे तक रहेगी, और रोहिणी नक्षत्र 19 तारीख को रात के लगभग 1 बजे के आसपास शुरु होगा। अब अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को देखते हुए कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन पर ही मनाई जाएगी।

Aanand Dubey

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