Wednesday, September 27, 2023
Home ब्लॉग गडकरी का डिमोशन और फडनवीस का प्रमोशन

गडकरी का डिमोशन और फडनवीस का प्रमोशन

अजय दीक्षित
ये वाजपेयी और आडवाणी के दौर की बात है। तय चाणक्य की भूमिका में प्रमोद महाजन हुआ करते थे । एक बार प्रमोद महाजन से वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने पूछा था कि आप वाजपेयी और आडवाणी में से बड़ा नेता किसे मानते हैं । प्रमोद महाजन ने जवाब दिया था कि बड़ा नेता यो जिसे संघ बड़ा नेता माने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ये यो हीरे हैं जो संघ की खुदाई से निकले हैं ।  लेकिन क्या हुआ ऐसा कि कभी मोहन भागवत के संघ संचालक बनने के बाद बीजेपी की कमान शाखा में अपना बचपन बीताने वाले नेता को सौंपे जाने के 13 सरस के भीतर ही उसी संघ की हरी झण्डी के बाद नागपुर से बीजेपी सांसद गडकरी को पार्टी संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया।

इसके अलावा केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) से भी हटा दिया गया । भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पार्टी के संसदीय बोर्ड से हटाने का आश्चर्यजनक निर्णय आरएसएस नेतृत्व की सहमति से लिया गया था ।  वरिष्ठ मंत्री के आउट ऑफ टर्न और कुछ टिप्पणी करने की प्रवृत्ति से संघ नाराज चल रहा था ।  गडकरी की टिप्पणियों का इस्तेमाल विरोधियों और अन्य लोगों द्वारा केन्द्र में पार्टी और सरकार के खिलाफ किया गया ।  भाजपा के कई बरिष्ठ सूत्रों के अनुसार संघ नेतृत्व ने भाजपा के पूर्व प्रमुख गडकरी को उनकी टिप्पणी करने की प्रवृत्ति के प्रति आगाह किया था ।  गौरतलब है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गडकरी ने पार्टी में रहते हुए कभी कांग्रेस की मजबूती की कामना की तो कभी ये कह दिया कि बीजेपी केवल मोदी-शाह की पार्टी नहीं है ।
गडकरी ने कई बार पार्टी लाइन से ऊपर उठकर बयान दिए जिसे पार्टी के नजरिये से देखने पर सही नहीं लगेगा ।  गडकरी को हटाने का फैसला आरएसएस की सहमति से ही लिया गया है। नेताओं का कहना है कि गडकरी को संसदीय बोर्ड से हटाने के फैसले से कुछ सप्ताह पहले ही अवगत करा दिया गया था। 2014 के बाद बीजेपी में काफी बदलाव आए हैं और इस बात से कोई इनकार भी नहीं कर सकता ।  उसमें हारी हुई बाजी को जीत में बदलने का हुनर आ गया । है पार्टी को अब हार शब्द इतना नागवार गुजरने लगा है कि पार्टी टाइम पॉलिटिक्स को उसने फुल टाइम जॉब बना दिया है ।  बात चाहे चुनावी रैलियों के माध्यम से मैदान में उतरना हो या वर्क फ्रॉम होम वाले टाइम में आभाषी मंच का सहारा लेना पार्टी की बस एक ही नीति है द शो मस्ट गो ऑन ।  वो जोखिम लेने से नहीं डरती उसका सीधा सा फॉर्मूला है जो उपयोगी है वो उसका है और जो अनुपयोगी है वो उसका होकर भी नहीं है ।
सन् 2009 में जब मोहन भागवत ने सर संघचालक का पद संभाला तो आम चुनाव में महज दो महीने बाकी थे ।  इस चुनाव में बीजेपी की हार हुई और आडवाणी पीएम इन वेटिंग बने रह गये ।  इसके बाद संघ ने पार्टी पर अपनी पकड़ फिर से मजबूत करनी शुरू की ।  चुनाव में हार के बाद अगस्त में बीजेपी के नये अध्यक्ष का ऐलान हुआ ।  अध्यक्ष ऐसे आदमी को बनाया गया जो राष्ट्रीय राजनीति में उस समय तक बहुत प्रासंगिकता नहीं रखता था ।

नितिन गडकरी नागपुर के रहने वाले थे ।  ब्राह्मण परिवार से आने वाले गडकरी का बचपन भी संघ की शाखा में बीता था ।  इससे पहले वो महाराष्ट्र में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे और उनके नेतृत्व में ही महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी शिवसेना गठबंधन को हार मिली थी। लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति से केंद्र की राजनीति में नितिन गडकरी को लाकर संघ ने एक फिर से बीजेपी की कमान अपने हाथ में ले ली है ।  साल 2009 में जब नितिन गडकरी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया तो नरेन्द्र मोदी बीजेपी के इकलौते मुख्यमंत्री थे जो उन्हें शुभकामना देने दिल्ली नहीं आए थे ।  वहीं 2009 से 2013 के बीच गडकरी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने रहे ।

इस दौरान नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे ।  नरेन्द्र मोदी के कट्टर विरोधी माने जाने वाले संजय जोशी को पार्टी में सक्रिय करने में भी नितिन गडकरी की अहम भूमिका रही थी । नितिन गडकरी ने संजय जोशी को 2012 में जब यूपी का चुनाव संयोजक बनाया तो मोदी जी को ये पसंद नहीं आया था ।  संघ के सख्त रुख ने भाजपा नेतृत्व की मदद की जो पहले से ही गडकरी के बयानों से नाराज चल रहा है ।  इसके बाद उन्हें पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से हटाने का मन बना लिया ।  सूत्रों ने कहा कि भाजपा और संघ नेतृत्व दोनों इस बात से सहमत है कि व्यक्ति चाहे किसी भी कद का क्यों न हो उसे संगठनात्मक आचरण के नियमों के विरुद्ध जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है ।

गडकरी प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन मोदी-शाह की जोड़ी ने उन्हें दरकिनार कर उनसे कम अनुभव वाले देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया । फडणवीस, महराष्ट्र बीजेपी के रिजल्ट देने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं ।  महाराष्ट्र में राज्यसभा से लेकर विधानपरिषद में पार्टी की जीत। इसके अलावा राज्य में एकनाथ शिंदे गुट के साथ मिलकर सरकार बनाना और एमवीए सरकार को अपदस्थ करना उनकी बड़ी उपलब्धियों में गिना गया। इसके अलावा फडणवीस गोवा के प्रभारी भी थे । यहां विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बहुमत हासिल किया था ।  साथ ही केन्द्र गडकरी को एक संदेश भी देना चाहता होगा ।  क्योंकि बीते कुछ दिनों में गडकरी के बयान भी चर्चा का केन्द्र बने थे ।

Aanand Dubeyhttps://superbharatnews.com
superbharatnews@gmail.com, Mobile No. +91 7895558600, (7505953573)
RELATED ARTICLES

मोदी की बेफिक्री या गणित?

हरिशंकर व्यास समझ नहीं आता कि कनाडा में जांच के गंभीर रूप लेने की भनक या खबर और खुद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बातचीत के...

नए संसद भवन में हीरोइनों का जमावड़ा

नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत और महिला आरक्षण बिल पास होने के मौके पर नारी सशक्तिकरण के प्रदर्शन के लिए भाजपा और...

चीन के गायब होते मंत्री

श्रुति व्यास पहले विदेश मंत्री चिन गांग गायब हुए। आज तक उनका कोई अतापता नहीं है। अब चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू भी...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Latest Post

पर्यटन मंत्री महाराज ने किया मसूरी स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट कॉर्टोग्राफी म्यूजियम का लोकार्पण

महान भारतीय पर्वतारोही राधानाथ सिकदर के नाम से जाना जायेगा हैलीपैड मसूरी (देहरादून)। विश्व पर्यटन दिवस -2023 के उपलक्ष्य में राज्य में विभिन्न स्थानों पर...

राज्यपाल ने सफाई कर्मियों को किया सम्मानित

राज्य की स्वच्छता थीम है ‘मेरा स्वच्छ शहर : श्रेष्ठ पर्यटन केंद्र’ है जोशीमठ, पौड़ी, चिन्यालीसौड़ व केदारनाथ धाम में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के...

बचपन बचाओ आंदोलन व उत्तराखंड सरकार ने तैयार की बाल विवाह रोकने की कार्ययोजना

देहरादून। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) ने ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के तहत स्वयंसेवी संस्थाओं...

कोरोना से 7 गुना ज्यादा खतरनाक डिसीज एक्स, खतरे में 5 करोड़ लोगों की जान, डब्लूएचओ ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली। दुनियाभर में एक बार फिर बेहद खतरनाक बीमारी का खतरा मंडरा रहा है जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी किया...

गुरुग्राम में फोन पर पोर्न वीडियो देख बना हैवान ‘मामा’, 6 साल की बच्ची से की दरिंदगी

गुरुग्राम। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 6 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने का बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। पुलिस ने इस...

होटल में चल रहे अवैध कैसीनो पर पुलिस का छापा, चार लाख नकदी के साथ 45 गिरफ्तार

नैनीताल। नैनीताल-हल्द्वानी रोड स्थित होटल में चल रहे कैसीनो से पुलिस ने देर रात चार लाख की नकदी के साथ 33 लोगों को गिरफ्तार किया...

एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों को शासन ने दिया झटका, पढ़े पूरी खबर

उत्तरकाशी। विश्व पर्यटन दिवस पर एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों को शासन ने जोर का झटका दिया है। गंगोत्री नेशनल पार्क सहित कई राष्ट्रीय पार्कों, वन्य...

प्रेमी युगल ने प्लास्टिक के सेलोटेप से अपने हाथ बांधकर गंगनहर में लगाई छलांग, जानिए वजह 

रुड़की। एक प्रेमी युगल ने प्लास्टिक के सेलोटेप से अपने हाथ बांधकर गंगनहर में छलांग लगा दी। दोनों को छलांग लगाता देख लोगों ने...

दो दिवसीय आरोग्य मंथन कार्यक्रम का समापन, उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा गया

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रदान किये राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023 केन्द्र की मोदी सरकार...

मोदी की बेफिक्री या गणित?

हरिशंकर व्यास समझ नहीं आता कि कनाडा में जांच के गंभीर रूप लेने की भनक या खबर और खुद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बातचीत के...