मानसून ने दी अपनी दस्तक, कुंभकर्णी नींद में सोया सिंचाई विभाग
हरिद्वार। मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है, लेकिन फिर भी सिंचाई विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। हरिद्वार का कांगड़ी गांव बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील माना जाता है, लेकिन मानसून की दस्तक के बाद भी यहां बाढ़ सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया है। गांव की हालात कुछ इस कदर हो चुकी है, कि मानसून की तेज बारिश आने पर गांव बाढ़ की चपेट में आ सकता है, वहीं गंगा और कांगड़ी गांव के बीच सिर्फ एक पांच फीट का पुश्तक ही बचा हुआ है। पुश्तक की हालत पहले ही खराब चल रही है, एक ही बारिश आने पर पुश्तक धराशायी हो जाएगा।
ग्रामीणों ने की वायर क्रेट लगाने की गुहार
ग्रामीणों द्वारा पहले ही तटबंधों और वायर क्रेट की मरम्मत कराने की गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब सामने नहीं आया है। वर्ष 2013 की आपदा से हर कोई व्याखिप है, पहाड़ों से लेकर मैदानों तक उस आपदा को पूरा- पूरा असर देखने को मिला था, वहीं हरिद्वार भी उससे अछूता नहीं रहा था। विधायक स्वामी यतीश्वरानंद द्वारा धरना देकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तुरंत वायर क्रेट लगाने को कहा गया था, तबसे हर साल मानसून के दौरान कांगड़ी में गंगा तटों के पास बाढ़ से बचाव के लिए वायर क्रेट बनाए जाते है, जिससे जन- धन का बचाव होता है।
ग्रामीणों ने लगाए सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप
यह वायर क्रेट इतने कमजोर होते है कि एक बार की ही बारिश को झेल पाते है, दूसरी बार के लिए यह धराशायी हो जाते है। इसी के तहत ग्रामीणों द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि अधिकारी धन की बंदरबांट कर रहे है। विभाग सिर्फ बरसात के समय ही बाढ़ सुरक्षा का उपाय करता है।
तटबंधों की समय पर की जाएगी मरम्मत
ग्रामीणों द्वारा कई बार मानसून से पहले भी वायर क्रेट लगाने को कहा गया है, लेकिन विभाग उनकी बातों को अनसुना कर देता है। सिंचाई विभाग की अधिशासी अभियंता मंजू द्वारा बताया गया कि कांगड़ी गांव में जाकर मौके पर निरीक्षण किया जाएगा, साथ ही तटबंध के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी तत्काल प्रभाव से मरम्मत कराई जाएगी।