कांवड़ यात्रा के खत्म होते ही हरिद्वार में लोगों को मिली राहत, पटरी पर लौटी शहर की व्यवस्था
हरिद्वार। कांवड़ यात्रा की शुरुआत 14 जुलाई को हो गई थी, जिसके बाद शिवरात्रि पर जलाभिषेक के साथ यात्रा का समापन भी हो गया। कांवड़ यात्रा 13 दिन तक चली, जिसमें आए दिन लाखों की संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंच रहे थे। कांवड़ियों की भीड़ के चलते शहर की व्यवस्था बेपटरी हो रखी थी, लोग अपने घरों पर रहने को मजबूर हो रखे थे, वहीं आज से शहर में लाइफ लाइन, ऑटो, विक्रम व ई रिक्शा पहले की तरह की भलीभांति चलने लगे है।
14 तारीख से शुरु हुई कांवड़ यात्रा में लाखों कांवड़ियों के आने से शहर की पूरी व्यवस्था ही उलट- पुलट हो रखी थी। हाईवे से लेकर पूरे हरिद्वार की रोड़ पर सिर्फ कांवड़ियों के वाहन ही दिख रहे थे, वहीं 20 तारीख से डाक कांवड़ के शुरु होने से तो यातायात व्यवस्था पूरी तरह बेहाल नजर आई।
20 तारीख के बाद शहर में कहीं पैर तक रखने की जगह नहीं मिली थी, हर जगह कांवड़ियों के वाहनों की ही भीड़ देखी जा रही थी, लेकिन अब कांवड़ यात्रा के सकुशल संपन्न होने के बाद अधिकारियों से लेकर शहर के लोगों तक ने राहत की सांस ली है।
अब यातायात व्यवस्था से लेकर सभी चीजे पहले की भांति सुचारु हो जाएंगी। हरिद्वार में यात्रियों की भीड़ के चलते जनजीवन पूरी तरह बिगड़ रखा था, शहर के लोग घरों में कैद हो रखे थे।
इस भीड़ में बाहर निकलना मुश्किल हो रखा था। गांव के लोगों का शहरों की ओर आवागमन भी ठप हो रखा था। इस दौरान लोगों को कड़ी समस्याओं से जूझना पड़ा, लेकिन अब यात्रा के समाप्त होने के बाद शहर की व्यवस्था फिर से पटरी पर लौट आई है।