देहरादून। चार दिनी छठ महोत्सव का आज विधि- विधान से समापन हो चुका है, उदीयमान भगवान भास्कर को मौसमी फलों व नाना प्रकार के पकवानों के साथ अर्घ देकर छठ पूजा का आज विधिवत समापन हुआ। व्रती महिलाओं ने 36 घंटे से निर्जला व्रत रखकर सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ दिया, और अपने निर्जला व्रत का समापन किया। छठ पर्व के आज अंतिम दिन तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी, द्रोण नगरी के विभिन्न घाटों से लेकर ऋषिकेश त्रिवेणी घाट, हरिद्वार के तमाम घाटों पर भगवान भास्कर को अर्घ देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रखी थी। महिलाओं ने सबसे पहले भगवान भास्कर को अर्घ दिया, और इसके बाद पूजा- अर्चना कर परिवार की सुख- समृद्धि की कामना की।
फिर सभी सुहागिनों ने एक- दूसरे को सिंदूर लगाकर अपना व्रत खोला। इस दौरान तमाम गंगा घाटों पर सजावट के साथ ही तमाम व्यवस्थाएं देखने को मिली। छठी मैया की जयकारों से हरिद्वार हरकी पैड़ी से लेकर ऋषिकेश त्रिवेणी घाट तक में धूम मची हुई थी। कोरोना काल के दो साल बाद इस वर्ष छठ महापर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को भी मिला। लोग एक- दूसरे को गले लगाकर शुभकामनाएं देते हुए दिखे। महिलाएं पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर के आने का इंतजार कर रही थी, भगवान के उदय होते ही सभी ने भगवान भास्कर को अर्घ देकर अपना व्रत खोला, और छठ पूजा का समापन किया।