उत्तराखंडक्राइम

ऋषिकेश संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुई रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी के साथ अनहोनि की आशंका, पुलिस आज करेगी पूरे मामले का खुलासा

देहरादून। प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित विनन्तरा रिसॉर्ट में 19 वर्षीय एक युवती अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट के रुप में काम करती थी, अंकिता ने रिसोर्ट में 28 अगस्त को ज्वाइनिंग ली थी। इसके बाद अंकिता को अभी ज्वाइनिंग किए हुए पूरा एक महीना भी नहीं हुआ था, कि उसके साथ एक ऐसी अनहोनि घटित हो गई है, जिसने इंसानियत को झंझोर के रख दिया है। दरअसल पौड़ी गढ़वाल के गांव श्रीकोट नादलसूं की निवासी अंकिता भंडारी उम्र 19 वर्ष पुत्री उपेंद्र सिंह भंडारी गंगापुर स्थित विनन्तरा रिसॉर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो रखी है, और अभी तक अंकिता की गुमशुदगी को लेकर पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अंकिता भंडारी के प्रकरण में जिस तरह से प्रशासन और पुलिस द्वारा घुमाया जा रहा है, वह बहुत ही संवेदनशील होता जा रहा है। अंकिता भंडारी जिंदा है, या फिर उसे मारकर चीला बैराज में फेक दिया गया है, इस मामले को लेकर तरह- तरह के सवाल और जवाब लोगों के मन में उठ रहे है। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही रिसॉर्ट में ताला भी जड़ दिया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल यशवंत सिंह चौहान द्वारा बताया गया कि अंकिता भंडारी गुमशुदगी मामले में पुलिस को अहम जानकारी मिली है, और इस पूरे मामले से आज पर्दा उठ जाएगा, साथ ही मिली जानकारी के मुताबिक ही रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य को गिरफ्तार किया गया है, जो कि पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के बेटे है। इसके साथ ही रिसॉर्ट प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को भी हिरासत में ले लिया गया है। तीनों की गिरफ्तारी के बाद आज पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा। हर तरफ एक ही आवाज गूंज रही है, अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ताकि हर एक दरिंदा किसी भी लड़की के साथ कुछ बुरा करने से पहले सौ बार सोचे। अंकिता भंडारी की गुमशुदगी को लेकर तरह- तरह के ख्याल लोगों के मन में आ रहे है। कोई कह रहा है, कि अंकिता को मारकर बैराज चीला में फेंक दिया गया है, तो कह रहा है, कि आरोपी पुलकित आर्य ने अंकिता को अगवा करके कहीं छुपाया है। अभी पूरे मामले का खुलासा नहीं हो पाया है, कि क्या अंकिता भंडारी सच में जिंदा है, या फिर आरोपियों ने उसे मार दिया है। हर तरफ बस एक ही आवाज गूंज रही है, न्याय तो होना चाहिए, और होना ही चाहिए, ताकि आने वाले समय में इंसान हैवान बनने से पहले सौ बार सोचे। अंकिता के आरोपियों को फांसी मिलनी ही चाहिए। यदि इस बार इन आरोपियों को छोड़ दिया गया, तो एक बार फिर एक नई अंकिता जन्म लेगी, और एक नया हैवान पुलकित बनकर हैवानियत की हदें पार करेगा।

इन मामलों पर यदि आज सख्त कदम नहीं उठाया गया तो कल को जाकर उस अंकिता भंडारी की जगह कोई दूसरी बेटी होगी। आखिर कब तक इस तरह के अपराधों से बेटियां जूझती रहेंगी, बेटियों को इंसाफ मिले। आरोपियों को फांसी मिले, चाहें वह नेता का बेटा ही क्यों न हो। जब हर दरिंदे को फांसी की सजा होगी, तब कहीं जाकर इन अपराधों से छुटकारा मिलेगा। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह पर लोगों की बस एक ही आवाज सुनाई दे रही है, अंकिता को इंसाफ मिले, और दोषियों को फांसी की सजा। आए दिन अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है, और इसका मुख्य कारण यही है, कि दोषियों को सजा नहीं मिल पा रही है। यदि अपराध करने वाले अपराधी को एक बार ढंग से सजा मिल जाए, तो दूसरी बार अपराध करने से पहले हर एक अपराधी दस बार पहले सोच करेगा। सरकार को इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। होटल, रिसॉर्ट में अक्सर हमें इस तरह के मामले देखने को मिलते है, वहीं अंकिता के दोषियों को सजा मिलनी जरुरी है, ताकि क्षेत्र में फलते- फूलते रिसोर्ट के अंदर अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण लग सके। अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में सरकार क्या संज्ञान लेती है, क्या अंकिता भंडारी को इंसाफ मिलेगा, या फिर एक बार पुन: मंत्री की आड़ में आरोपी बेटा छूट जाएगा।

Aanand Dubey

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