इमलीखेड़ा व रुड़की क्षेत्र की आशा वर्करों को लगभग 6 महीने से नहीं मिला वेतन, आशाओं की बढ़ी मुश्किलें
रुड़की। लगभग छह महीने का समय हो चुका है, तब से इमलीखेड़ा व रुड़की क्षेत्र की आशावर्करों को उनके काम का वेतन नहीं मिला है, वेतन न मिलने से सभी की मुश्किलें बढ़ी हुई है। इन आशा वर्करों में बहुत सी महिलाएं तो ऐसी है, जिनकी आमदनी का एकमात्र साधन उनकी यह नौकरी ही है, अब ऐसे में यदि उनकी आय का एकमात्र साधन से भी उन्हें कुछ न मिले, तो कैसे करके इनके घर का खर्चा चलेगा। वेतन न मिलने से घर के खर्चों का संकट पैदा हो रखा है। वेतन न मिलने के चलते इमलीखेड़ा व रुड़की की आशा वर्करों ने एकत्रित होकर एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें वेतन न मिलने के मुद्दे पर चर्चा की गई।
आशा वर्करों का कहना है कि उन्होंने लगातार अपने कार्य को जिम्मेदारी पूर्वक किया है, कोरोना काल में लगातार उन्होंने अपनी सेवाएं दी है, बावजूद इसके अब उन्हें इनाम के तौर पर क्या मिल रहा है। यह कि छह महीने से वेतन नहीं आया है। इतना ही नहीं आशा वर्करों द्वारा बताया गया कि जब भी वह किसी अधिकारी के पास अपने मामले को लेकर जाते है, तो वह अधिकारी अपने से बड़े अधिकारी के पास भेज देता है।
ब्लॉक स्तर के अधिकारी जिला स्तर के अधिकारियों के पास भेज रहे है, व जिला स्तर वाले प्रदेश स्तर के अधिकारियों के पास भेज रहे है। जिससे इनकी समस्याएं और बढ़ रही है। आशा वर्करों ने कहा कि उनकी समस्या सुनने वाला कोई भी नहीं है। अब वह अपनी समस्या को किसको बताएं व कौन इसका समाधान करेगा।