कई रिपोर्ट्स में जिक्र मिलता है कि लाइफस्टाइल और खान-पान में गड़बड़ी के कारण भारतीय लोगों की जीवन प्रत्याशा समय के साथ कम होती जा रही है। इसी को लेकर हाल ही में किए गए एक शोध में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) द्वारा जारी डेटा से पता चलता है कि भारतीय लोगों की जीवन प्रत्याशा, चीनी लोगों की तुलना में कम है, मतलब चीन के लोग भारतीयों की तुलना में अधिक जीते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि हाल के वर्षों में चीन ने देश में कई तरह के स्वास्थ्य सुधार किए हैं जिससे वहां के लोगों की जीने के आयु में अब बढ़ोतरी देखी जा रही है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में भारत की जीवन प्रत्याशा 70 थी वहीं चीन के लोगों की जीवन प्रत्याशा 77.93 वर्ष है। जीवन प्रत्याशा, एक निर्धारित की गई औसत आयु के बाद जीवन में शेष बचे वर्षों की औसत संख्या है। भारत में कई कारणों से पिछले कुछ वर्षों में इसमें कमी रिपोर्ट की जा रही है, इसमें बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता को प्रमुख कारक के तौर पर देखा जा रहा है। आइए इस रिपोर्ट के बार में विस्तार से जानते हैं?
हांगकांग, जीवन प्रत्याशा में शीर्ष पर
जारी आंकड़े बताते हैं, साल 2013 के बाद से हांगकांग दुनिया की शीर्ष जीवन प्रत्याशा को कायम रखने वाला देश बना हुआ है। हांगकांग में पुरुषों और महिलाओं की औसत आयु 85 वर्ष से अधिक है। वहीं जापान और मकाऊ भी शीर्ष जीवन प्रत्याशा के मामले में दुनिया में शीर्ष पर हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शासन की शुरुआत के दौरान चीनी नागरिकों की जीवन प्रत्याशा 35 वर्ष थी, जोकि साल 2019 में बढ़कर 77.3 साल हो गई है। फिलहाल यह भारत की तुलना में अधिक है।
भारत से कैसे आगे निकल रहा है चीन?
अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर चीन, भारत से आगे कैसे निकल रहा है? इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में चीन सरकार ने स्वास्थ्य को लेकर लोगों को विशेष जागरूकता दिखाने, उचित आहार, फिटनेस, तंबाकू-शराब से दूरी बनाने, मानसिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण जैसे उपायों को बढ़ावा दिया है। इसका परिणाम यह है कि यहां कई तरह की बीमारियों का खतरा भी कम हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी देखने को मिली है।